बरेलवी मदरसों को योगी का आदेश नामंजूर, नहीं गायेंगे राष्ट्रगान

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बरेलवी पंथ से जुड़े करीब 150 मदरसों में उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के विरुद्ध स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रगान नहीं गाया जाएगा और ना ही समारोह की वीडियोग्राफी होगी। इस पंथ के सबसे बड़े केंद्र दरगाह आला हजरत परिसर में सोमवार को हुई जमात रजा-ए-मुस्तफा की बैठक में यह फैसला किया गया।

जमात के महासचिव मौलाना शहाबउद्दीन रिजवी ने टेलीफोन पर ‘भाषा’ को बताया कि दरगाह आला हजरत परिसर में हुई जमात की एक बैठक में यह फैसला लिया गया कि जश्न-ए-आजादी को धूमधाम से मनाया जाएगा। वतंत्रता दिवस पर मदरसों में तिरंगा फहराया जाएगा, मिठाई बांटी जाएगी और आजादी की लड़ाई में कुर्बानी देने वालों को खिराज-ए-अकीदत पेश की जाएगी लेकिन राष्ट्रगान गाने और समारोह की वीडियोग्राफी कराने जैसा कोई भी ‘गैर शरीयाई’ काम नहीं किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि बैठक में लिए गए फैसले में ‘जन गण मन’ की जगह कौमी तराना ‘सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा’ गाया जाएगा। वीडियोग्राफी गैर-शरीयाई काम है, लिहाजा इसे बिल्कुल नहीं किया जाएगा. जितने भी कार्यक्रम होंगे वे सब शरीयत के दायरे में रहकर होंगे।

रिजवी ने बताया कि इस बैठक में उत्तर प्रदेश के करीब 150 से ज्यादा मदरसों के उलमा ने शिरकत की। इनमें से ज्यादातर बरेलवी पंथ से जुड़े हैं। उन्होंने एक सवाल पर कहा कि जन गण मन में ‘अधिनायक’ शब्द गैर शरीयाई है। यह वर्ष 1911 में अंग्रेजों की शान में पढ़ा गया कसीदा है, लिहाजा इसे गाना शरीयाई लिहाज से दुरुस्त नहीं है।

रिजवी ने बताया कि राज्य सरकार ने माध्यमिक शिक्षा परिषद, बेसिक शिक्षा परिषद और उच्च शिक्षा महकमे के तहत आने वाले स्कूल, कॉलेजों को कोई सर्कुलर नहीं जारी किया है। इसे सिर्फ मदरसों को ही यह क्यों जारी किया गया। उन्होंने कहा कि खुद बेसिक शिक्षा के सचिव संजय सिन्हा ने बयान जारी करके कहा है कि उन्हें अपने स्कूलों पर भरोसा है लिहाजा उनमें स्वाधीनता दिवस समारोह की कोई वीडियोग्राफी नहीं होगी। ऐसे में क्या मदरसों के लिए रखी गई शर्त उनकी देशभक्ति पर संदेह की तरफ इशारा नहीं करती है।

इस बीच, पीलीभीत से मिली रिपोर्ट के अनुसार शहर काजी और मदरसा संचालक जरताब रजा खां ने सरकार के आदेश का विरोध करते हुए कहा कि वह स्वतंत्रता दिवस पर मदरसा दारुल उलूम हशमर्तुरजा में राष्ट्रगान का आयोजन नहीं करेंगे।

उनका कहना है कि मदरसे में इस्लाम की दीनी तालीम दी जाती है। यहां गाना गाया जाना, वीडियो बनाया जाना इस्लाम के खिलाफ है। राष्ट्रगान के कुछ शब्दों पर इस्लाम में आपत्ति है। उन्होंने प्रदेश सरकार से सवाल किया कि इस तरीके से मुसलमानों से वतनपरस्ती का सबूत क्यों मांगा जा रहा है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता ने गत तीन अगस्त को राज्य के सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को जारी एक सर्कुलर में कहा था कि राज्य के सभी मदरसों में तिरंगा फहराकर राष्ट्रगान गाया जाएगा और इस कार्यक्रम की वीडियोग्राफी की जाएगी।

अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा था कि जिन मदरसों में सरकार के इस आदेश का पालन नहीं होगा, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश में करीब आठ हजार मदारिस मदरसा शिक्षा बोर्ड से सम्बद्ध हैं, उनमें से लगभग 560 पूरी तरह सरकारी अनुदान से संचालित होते हैं।

Source: First Post

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