पाकिस्तान में महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति तोड़े जाने की भारत ने की निंदा

Must Read
Bhartiya Samachar
Bhartiya Samachar
भारतीय समाचार | भारत की ताजा खबर| लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट, हिंदी समाचार

पाकिस्तान के लौहार किले में महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति तोड़े जाने की घटना की भारत ने कड़े शब्दों में निंदा की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों की सांस्कृतिक विरासत पर इस तरह के हमले पाकिस्तानी समाज में बढ़ती असहिष्णुता और अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति सम्मान की कमी को उजागर करते हैं.

अरिंदम बागची ने कहा कि हमने आज लाहौर में महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़े जाने के बारे में मीडिया में परेशान करने वाली खबरें देखी हैं. 2019 में अनावरण के बाद से मूर्ति को तोड़े जाने की ये तीसरी घटना है. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं, जिनमें उनके पूजा स्थलों, उनकी सांस्कृतिक विरासत और उनकी निजी संपत्ति पर हमले शामिल हैं, खतरनाक दर से बढ़ रही हैं. 12 दिन पहले ही पाकिस्तान के रहीम यार खान में एक हिंदू मंदिर पर भीड़ ने हमला किया था.

बता दें कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में लाहौर किले में लगी प्रथम सिख शासक महाराजा रणजीत सिंह की नौ फुट ऊंची कांस्य की बनी प्रतिमा प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के एक कार्यकर्ता ने मंगलवार को तोड़ दी. इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें आरोपी नारे लगाते हुए मूर्ति की बांह तोड़ते और मूर्ति को घोड़े से नीचे गिराते दिख रहा है. वीडियो में यह भी दिखा कि इसी दौरान एक दूसरा व्यक्ति प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति को आकर रोकता है.

समाचारपत्र ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने बताया कि टीएलपी कार्यकर्ता को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. लाहौर किले के प्रशासन ने कहा कि आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने एक ट्वीट में कहा कि इस तरह के ‘‘अनपढ़ वास्तव में पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि के लिए खतरनाक हैं.’’

राजनीतिक संचार पर प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक डॉ शहबाज गिल ने कहा कि आरोपी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी. समाचारपत्र ने गिल के हवाले से कहा, ‘‘ये बीमार मानसिकता के लक्षण हैं. यह पाकिस्तान के आकलन को कमजोर करने की कोशिश है.’’

सिख शासक महाराजा रणजीत सिंह की यह प्रतिमा नौ फुट ऊंची थी. इसमें उन्हें पूरे सिख पोशाक में हाथ में तलवार लिए घोड़े पर बैठे हुए दिखाया गया है. प्रतिमा का अनावरण जून 2019 में किया गया था. यह पहली बार नहीं है जब प्रतिमा को निशाना बनाया गया है. पिछले साल लाहौर में मूर्ति की बांह तोड़ दी गई थी. ‘जियो न्यूज’ के मुताबिक अगस्त 2019 में भी दो युवकों ने इसे क्षतिग्रस्त किया था. महाराजा रणजीत सिंह सिख साम्राज्य के संस्थापक थे, जिन्होंने 19वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में उत्तर पश्चिमी भारतीय उपमहाद्वीप पर शासन किया था.

Bhartiya Samachar

भारतीय समाचार | भारत की ताजा खबर| लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट, हिंदी समाचार

- Advertisement -
- Advertisement -
- Advertisement -
Latest News
- Advertisement -

More Articles Like This

- Advertisement -
- Advertisement -